बजट 2019 पेश करने 15 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस की नई सरकार ने जनता के सामने आपने विकास का ऐजेन्डा रखा। बीते चुनाव में जिस तरह से किसानों की समस्या और उनको फायदा पहुंचाया गया है उसका कुछ अंश बजट में शामिल किया गया है। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान की गई घोषणाओं को कांग्रेस ने अपने इस बजट में केन्द्रित किया है। लेकिन कुछ बातें इस बजट में नहीं है। जैसे शराबबंदी की बात जो कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पूर्व कही थी। ग्रामीण परिवेश या रहन सहन को बचाने नरवा, गरूआ, घुरवा और बारी के विकास के लिए काफी प्रावधान इस बजट में हैं। कृषि के विकास के अंतर्गत आने वाली इन बातों के अलावा कुछ पुराने किसानों को भी इस ऋण माफी योजना में शामिल किया गया है। हालांकि ऋण माफी के उन मामलों को नहीं छुआ गया है जिन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कृषि ऋण लिया है। इसी तरह से युवाओं के लिए बड़ी योजना का अभाव नज़र आया है। तेंदुपत्ता खरीदी की प्रतिबोरा दर में 15 सौ रूपयों की वृद्धि की गई है जो तेंदुपत्ता संग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा करने की घोषणा कर आम जनता को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। ज्यादातर उन वादों को पूरा करने की कोशिश की गई है जिनकी घोषणा बीते विधानसभा चुनाव के पूर्व की गई थी। कुल मिलाकर देखें तो देश की किसी भी पार्टी के लिए सबसे बड़ा निशाना लोकसभा चुनाव 2019 है उसी तरह से प्रदेश की नई कांग्रेस सरकार का निशाना भी राहुल गांधी के नेतृत्व में देश में कांग्रेस सरकार बनाने का नज़र आ रहा है। विकास कार्यों के लिए बहुत ज्यादा बातें इस बजट में नहीं हैं बल्कि जनता को लाभ देने की कोशिश ज्यादा की गई है यदि हम कहें कि एक बार फिर किसानों के माध्यम से 2019 जीतने का प्रयास इस बजट में किया गया है तो गलत नहीं होगा।