पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली। मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है। चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी टीएमसी को लगातार झटके मिल रहे हैं। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। अब सीएम ममता के भाई कार्तिक बनर्जी (Kartik Banerjee) से भी पार्टी के खिलाफ जाकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वो चाहते है बंगाल में वंशवाद की राजनीति खत्म होनी चाहिए। एक निजी चैनल के साथ टेलीफोनिक इंटरव्यू में कार्तिक ने कहा, ‘वह ऐसे राजनेताओं से परेशान हो गए है, जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की बात करते है, लेकिन अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाते हैं।
कार्तिक ने जब वंशवाद को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं सामान्य रूप से राजनीति में पाखंड के खिलाफ बोल रहा हूं। राजनीति लोगों के बारे में होनी चाहिए, जो उनके जीवन को बेहतर बनाए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि संतो ने क्या सलाह दी है। पहले लोगों के बारे फिर परिवार के बारे में सोचना चाहिए।’
ममता के भाई से जब भाजपा में शामिल होने के बारे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि भविष्य क्या है। जब मुझे कुछ कहना होगा, मैं कहूंगा। जब तक मैं नहीं चाहता, कूछ नहीं कहूंगा। गौरतलब है कि कार्तिक का बयान ऐसे वक्त में आया है जब राज्य में चुनाव होने हैं। साल 2019 के लोकभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल की 42 सीटों में से 18 पर जीत दर्ज की है। तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी भी ममता को छोड़ बीजेपी के साथ आ गए हैं।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ममता बनर्जी पर वंशवाद का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बंगाल की सीएम अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जमीनी स्तर पर जोर दे रही हैं।